Add To collaction

लेखनी-लेख-प्रतियोगिता-गणतंत्र दिवस - हमारा तिरंगा-विजय पोखरणा "यस" -26-Jan-2023

                 🇮🇳🇮🇳गणतंत्र दिवस - हमारा तिरंगा🇮🇳🇮🇳


                 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

               आज हम 74 वा गणतंत्र दिवस मना रहे हैं । तिरंगा झंडा इस दिन की विशेष शान है। जिसे देखकर हर कोई प्रणाम करता है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक तिरंगे की कहानी में कई रोचक मोड़ आए हैं। इस वर्तमान रूप में आने से पहले भारत के ध्वज ने कई बार अपना रंग रूप बदला है। देश का राष्ट्र ध्वज पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था। वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी और कृषि वैज्ञानिक थे। उन्होंने सन 1916 से 1921 तक करीब 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वजो का अध्ययन किया। उसके बाद तिरंगे को बनाया गया। सबसे पहले देश के राष्ट्रीय ध्वज की पेशकश महात्मा गांधी जी ने की थी। जिसमें बापूजी ने दो रंग के झंडे को राष्ट्रीय ध्वज बनाने की बात कही थी। देश के आजाद होने के बाद संविधान सभा में पंडित नेहरू जी ने 22 जुलाई 1947 में वर्तमान तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया। इसमें तीन रंगों का समावेश किया गया। ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग लगाया गया। सफेद रंग की पट्टी में नीले रंग से अशोक चक्र बना था। इसे अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से लिया गया था।

              तिरंगे झंडे में शामिल तीन रंग हमें एक संदेश देते हैं। केसरिया रंग बलिदान, हिम्मत का प्रतीक होता है । सफेद रंग शांति स्वच्छता व ज्ञान का प्रतीक होता है। यह भारत में पाई जाने वाली हरियाली एवं प्रकृति जीवन का संदेश भी देती है । चक्र हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, वही 24 तिलिया 24 घंटों का प्रतीक है। आजादी के बाद तिरंगा झंडा फहराने की इजाजत सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही थी। 26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन किया गया और आजादी के कई वर्ष बाद भारत के नागरिकों को अपने घरों, कार्यालयों और फैक्ट्री में नए केवल राष्ट्रीय दिवसों, पर बल्कि किसी भी दिन बिना किसी रूकावट के फहराने की अनुमति मिल गई ।अब भारतीय नागरिक राष्ट्रीय झंडे को शान से कहीं भी और किसी भी समय पर ले जा सकते हैं ।  बशर्ते कि वे ध्वज की संहिता का कठोरता पूर्वक पालन करें और तिरंगे की शान में कोई कमी ना आने दे।


✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर

   24
6 Comments

Radhika

07-Feb-2023 09:57 PM

Nice

Reply

Gunjan Kamal

29-Jan-2023 11:43 AM

शानदार

Reply

बहुत ही उम्दा और खूबसूरत लेख

Reply